भाग्य विधाता
भाग्य विधाता
देश का भाग्य विधाता
जिसने बुना यह ताना-बाना
आज़ादी का लहरा के परचम
नया सबको पथ दिखलाया।
कोट-पैंट सब छोड़ छाड़ कर
देह पर धोती मात्र लपेटकर
गुरु गोखले की सलाह मानकर
देश भ्रमण का मार्ग अपनाया।
लड़खड़ाते पैरों में जोश भरकर
हाथ में अहिंसा की लाठी लेकर
गाँव-गाँव में अलख जगाकर
हिंदुस्तान का गौरव बतलाया।
काँटों के पथ पर चलकर
घर-महलों को भी छोड़कर
हाथ मिलाने आज़ादी से
वह वीर महात्मा कहलाया।
पहले आंदोलन अवज्ञा अपनाया
फिर स्वदेश का चरखा चलाया
दांडी-मार्च की यात्रा करके
अंग्रेजों को अपना हाल बतलाया।
करो या मरो का नारा देकर
भारत छोड़ो का सहारा देकर
रोक न पाया देश को कोई
आसमान में तिरंगा लहराया।
