बेटियाँ
बेटियाँ
घर की बेटी,
घर की लंका,
पहले के जमाने में,
सोच था ऐसा।
रानी लक्ष्मीबाई ने दिखाई,
अपनी तलवार की शान,
और किया आजादी के लिए,
कुर्बान अपनी जान।
गीता फोगाट बनी एक मिसाल,
चमका दिया भारत का नाम,
लड़ी कुस्ती लड़कों के साथ,
पाया विजय बहुत मेहनत के बाद।
झाँको आज के जमाने में,
लड़कियाँ प्रगति कर रही है,
देखो जरा भारत के लोगों,
लड़कियाँ भारत को सम्मान दिला रही है।
आज के बाद कभी मत कहना,
लड़कियाँ कुछ कर नहीं सकती,
साबित कर दिया है उन्होंने,
लड़कियाँ किसी से कम नहीं।
