बेटी
बेटी
खूबसूरती और सौंदर्य का प्रतीक है वो,
हिम्मत और साहस का दुसरा नाम है वो।
सब चाहते है बेटे को,
बेटी करती है पूरे सपनों को।
बेटी के आँख के आँसू जैसे झड़ते मोती ....
क्यूँ है लोगों की सोच छोटी।
बेटी कभी बनती हैं बहन, पत्नि, माँ और दादी,
पर रहती है हमेशा सीधी-सधी।
एक बेटी चढ़ सकती है चढ़ान,
काश वो ले पाती एक ऊँची उड़ान ...
भगवान ने बेटी को है बनाया,
बेटी के चरणों में स्वर्ग उतर आया
