बेकरारी
बेकरारी
कान्हा से मिलने की बेकरारी पूछो तुम राधा रानी से।।
कैसा दिल उसका धड़क रहा ये पूछो राधा रानी से ।।
हरदम राधा के नयनों को कान्हा ही दिखते रहते हैं ।
जब कि कान्हा राधा जी की दिल की कुटिया में रहते हैं ।।
कान्हा भी राधा से मिलने को हर पल आतुर रहते हैं ।
अपनी बंसी से कान्हा जी राधा की ही धुन करते रहते हैं।।
बेकरार हैं सभी गोपियां पनघट में राह निहारें ।
हूक-हूक कर उठती हैं कान्हा-कान्हा ही पुकारें।।।
कान्हा की मधुर बांसुरी की धुन राधा का नाम पुकारे।।
कुंज गली में खड़ी हैं राधा मोहन की राह निहारें ।।