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Addya Pathak

Children

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Addya Pathak

Children

बड़ी-बड़ी मैं हो जाऊँ

बड़ी-बड़ी मैं हो जाऊँ

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बड़ी-बड़ी मैं हो जाऊँ

बड़ी-बड़ी मैं हो जाँ

जीवन के सारे सुख मैं पाऊँ।


माँ की साड़ी खूब पहनी

मँ कहती, बड़े होकर पड़ेगी सहनी

मैं जो चाहूँ वो कर जाऊँ।


बिना दूध पीए सो जाऊँ

थक कर मालिश वाली से

पैर दबवाऊँ।

बड़ी-बड़ी मैं हो जाऊँ।


बड़ी-बड़ी मैं हो जाऊँ

अपने दूरभाष पे,

सहेलियों से बातें करती जाऊँ।


वाह मेरा जनम दिन आया

बदलेगी मेरे मन की काया

बड़ी हुई मैं

जीवन से थकी मैं।


काश मैं फिर से

छोटी हो जाऊँ

काश मैं फिर से

छोटी हो जाऊँ।


छोटी थी तो बड़े होने का

करता था मन

अब यह दुआ है कि

वापस मिल जाए बचपन।


वो नादानी वो सुख

जीवन ने कैसा बदला है रुख।।



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