हाथी
हाथी
हाथी काला मोटा भरकम होता
उसका अपना परिवार भी होता।
वह दस पन्द्रह फुट ऊँचा होता
थोड़ा जगता कभी थोड़ा सोता,
सुख में खुश दुख आए तो नर
जैसे आँख में आँसू भरकर रोता।
उसकीएक लम्बी सी सूँड होती
पानी भरकर हाथी मुँह धोता,
भारी पंखा जैसे कान दो होते
बडे़-बड़े से लम्बे दाँत ज्यूँ मोती।
यूँ तो हाथी किसी से नहीं डरता
बेमतलब ना कभी झगड़ा करता,
शेर राजा भी पंगा ना ले उससे
क्योंकि हाथी सबसे भारी पड़ता।
इन्द्रराजा के स्वर्ग में ऐरावत हाथी
स्वामी भक्त होताऔर रक्षक हाथी,
रानी दुर्गावती का सरमन गजराज
राजाओं का सज ध्वज शान हाथी।
बहुधा हाथी तो काला ही होता
किन्तु कभी- कभी भूरा भी होता,
वह भी अपने बच्चों से प्यार करता
उसका अपना परिवार भी होता।