STORYMIRROR

AKIB JAVED

Children Stories

3  

AKIB JAVED

Children Stories

बच्चे

बच्चे

1 min
273

दुनिया की परवाह से अंजाने होके

अंतर्द्वंद को मारकर ये बेगाने होके


घर, स्कूल, रिश्ते सारे नाते तोड़कर

बच्चे करते है मन की दीवाने हो के


सैर-सपाटा, उछल-कूद में होते मग्न

अपनी ही दुनिया में है वो होते लग्न


परवाह कहाँ रहती है अपने कल की

बच्चे साथियों संग खेलते रहते मग्न।


Rate this content
Log in