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Bijjal Maru

Children Stories

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याद होंगे तुम्हें वो दिन

याद होंगे तुम्हें वो दिन

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रोटी आधी थी, पर ख़ुशी पूरी थी

पुरानी क़मीज़, जेब खाली थी

सिर्फ़ कट्टिंग चाय की प्याली थी।


याद होंगे तुम्हें वो दिन

लाल स्याही से नहाया आसमाँ था

हवा में नशा नमकीन था

समुन्दर का असीम किनारा था,

रेत का बंगला सुहाना था,

हमारे सपनों का आशियाँ  था।


याद होंगे तुम्हें वो दिन

तेरी आँखों का वादा था, 

दिल तेरा मैंने चुराया था

तोह्फे में दिल ही दे पाया था। 


ख़ुशी, जश्न की मोहताज नहीं;

ज़िंदगी का यही फ़लसफ़ा था,

अपनों के साथ बीते हर पल में,

ख़ुशी का चेहरा ही नज़र आता था !


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