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Arvind Iyer

Drama Romance

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Arvind Iyer

Drama Romance

अतीत

अतीत

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अपने अतीत से बातें मैंं अब क्या करूँ

सब कुछ तो जानती है वो मेरे बारे में

पुरानी राहों से अब क्या गुज़रूँ

अब मैं रहता कहीं और हूँ।


पुरानी राहें रुकी है उस एक पल पे

जिस पल से रास्ते कुछ नए बने

नए रास्तों से जहान एक नया बसा

वो शहर पुराना कुछ पीछे छूटा


भूले बिसरे कुछ यादें

रहते हैं उन गलियों में

जिन गलियों में घर है

मेरे अतीत का।


कभी चिट्ठियाँ लिखा करते है वो मुझे

कभी हुंकारे लगते हैं वो दूर से

कभी नए अफसानों में

पुराने लफ्ज़ की शक्ल में

दिखाई देते है वो मुझे।


पर अब मेरा घरोंदा है और कहीं

नए दिनों की हैं यादें नयी

अब क्या बातें करूँ

मैं अपने अतीत से ?


वो बसी है जहाँ,

उस जहान से मेरा अब नाता नहीं।


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