अनुभव क्वारेनटाईन का
अनुभव क्वारेनटाईन का
चौदह दिनों का क्वारेंटाइन
मानो चौदह साल का वनवास
राम घूमते डगर डगर
कैद हम घर के अंदर
मगर इकसार है
राम का रावण शमन
हमारा कोरोना दमन
कृपा रही ईश्वर की
प्यार, संभाल परिवार की
यार रिश्तेदारों की भावना
हौसला अफजाही, प्रार्थना
जगा रहा विश्वास अटूट,
असीम श्रद्धा-धारा अनवरत
सबल रहा मन-मनोबल
हमेशा, हर क्षण हर पल
मोबाइल, पुस्तक, कंप्यूटर
बने रहे मेरे हमसफर
दीर्घश्वास, अनुलोम विलोम
स्टीम, गार्गल और काढ़ा
साफ सफाई, झाड़ू पोंछा
नित्यक्रम का हिस्सा रोजाना
आध्यात्मिक संबल भरपूर रहा
गुरु, बजरंगबली का साथ रहा
वंदना, प्रार्थना, मंत्रोच्चार
भक्ति-सभर, शक्ति संचार
हे ईश्वर !
दे निजात, त्राण जगत को
इस आपदा, विपदा से सबको
शोक, भय, मृत्यु का तांडव
हैरान परेशान यह मानव
माना गलतियां हुई है हमसे
सबक सबको मिला है इससे
जरूर बदलेगी दिन चर्या सारी
जो न समझे वो नादान भारी
सबका हो भला
स्वस्थ रहे सब
बदलें जीने की रीत
निःसंदेह,
होगी हमारी जीत ।