अनमोल रत्न रतन जी टाटा
अनमोल रत्न रतन जी टाटा
अनमोल रत्न मातृ भूमि का गौरव युग प्रेरणा धन्य धरोहर उद्योग गुरु विश्व छितिज परभारत अविरल धारा सम्मोहक।।
शौम्य विनम्र शालीन मानव मूल्य विकास बैभव का शिल्पीकर शिल्पी
अमोलक।।
प्रतिभा प्रगति प्रतिष्ठा साम्राज्य सारा
दिसम्बर अठाईस सन बत्तीस युगकाल अलौकिक आलोकित।।
नव जागृति चेतना करवट कोख से
जन्म नवल टाटा राज दुलारा जमशेद कुलभूषण होनहार से काल समय
पुलकित।।
पालने में ही दुनियां ने जाना सपूत पांव बिसफ़ कॉटन शिमला प्रारंभिक
शिक्षा पाठशाला।।
हावर्ड विश्वविद्यालय वास्तुविद स्नातक की शिक्षा जीवन कर्म क्षेत्र पदार्पण इच्छा और परीक्षा।।
पुरुखों के आदर्श अस्तित्व आत्म साथ किया टाटा समूह में स्वय भूमिका
भविष्य का शंखनाद किया।।
सदी बीसवीं के अंतिम दशको में
पुरुखों की विरासत
का उत्तराधिकर शीर्ष शिखर स्वीकार।।
सयंम संकल्प दृढ़ता क्षमता नेतृत्व कला ने भारत के उद्योग अगुआ रतन टाटा को अविनि से अम्बर तक मान दिया।।
चाहत का प्यार किस्मत को मंजूर नही रतन जाने कितने घर परिवारों की खुशियों का जीवन मार्ग दिया।।
स्वयं आजीवन अविवाहित एकांकी जीवन हृदय भाँवो से भरा समूह समाज को ही अपने जीवन मे प्यार परिवार का मान दिया।।
पुरुखों सपनो को नई ऊंचाई आयाम दिया
भारत मे उद्योगो का विस्तार किया ।।
पदम् श्री पदम् विभूषण सम्मान सम्मानित रतन टाटा ने जब स्वीकार
किया।।
भारत के हर संकट में भामा शाह रतन दान सेवा धर्म मर्म जीवन को
परिभाषित कर रतन टाटा ने जीवन मुल्यों का सत्कार किया।।
रतन अनमोल रत्न बहुमूल्य देश रत्न उद्योग युग युगांतर रतन टाटा भारत रत्न विश्व प्रतिष्ठा का सर्व सिंद्धान्त दिया।।