अनमोल खुशी
अनमोल खुशी
कच्चे धागे से बंधा अटूट बंधन है ये प्यार का
बहन के विश्वास और भाई केे सम्मान का
बचपन की शरारतें और बचपन की तकरार
हर पल याद आता है मुझे राखी का त्योहार
दो गांठों से बंधी हुई अनमोल खुशी है ये
कभी दिल से ना मिटे ऐसी स्मृति है ये
ना सोना मांगू ना चाांदी मांगू
मैं बस तुम्हारी सलामती की दुआ माांगू
हरदम फूलों की तरह सजा और महकता रहे मेरा मायका
भतीजे भतीजियों से हरदम चहकता रहे मेरा मायका
बचपन से लेकर बुुढापे के गलियारे तक
बंंधा रहे ये बंधन आने वाले युगों-युगों तक।