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Sudhirkumarpannalal Pratibha

Abstract Inspirational Others

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Sudhirkumarpannalal Pratibha

Abstract Inspirational Others

अकाट्य प्रश्न

अकाट्य प्रश्न

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मैं कौन हूं

मैं क्यों

यहां पर

आया हूं

मेरे मां पिता ने

मुझे क्यों

जन्म दिया है

उनका अपना

मकसद

हो सकता है

लेकिन मेरा

क्या मकसद है

जीना खाना

क्या यह भी

कोई मकसद है

लोग कहते हैं कि

कृतियां

अमर होती है

यह कैसी

अमर कृति है

समय के

अंतराल के साथ

धूमिल हो जाती है

और एक समय

ऐसा आता है कि

वह मर जाता है

मैं खुद के प्रश्नों से

निरुत्तर हो जाता हूं

निःशब्द हो जाता हूं

मैं खुद में ही प्रश्न हूं

मैं एक ऐसा प्रश्न हूं

जिसका जवाब शून्य है

खुद के इस

अकाट्य प्रश्न का

खुद ही के पास

कोई जवाब नहीं है


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