ऐ ज़िन्दगी
ऐ ज़िन्दगी
ऐ जिंदगी आ तुझे जीना सिखा दूं मैं
हँसते हो मुझपर हर वक़्त, खुलकर हसना क्या हैं,
यह आज बतादूँ तुम्हें
ऐ जिंदगी आ तुझे जीना सिखा दूं मैं
तुम्हें, अच्छा लगता हैं मुझे परेशान करना
रोज़ नए पहेलियों से मेरे दिन की शुरुआत करन
चलो आज एक नया खेल सिखा दूं तुम्हें,
चित्त मैं जीती, पट तुम हारे,
इस उलझन में उलझा दू तुम्हें
ऐ जिंदगी आ तुझे जीना सिखा दूं मैं
हैं कितनी उम्मीदें तुमसे,
लेकिन तुम करते हो मुझे हताश,
शायद कोई परेशानी हैं तुम्हें,
ऐ ज़िन्दगी क्या तुम खुद से हो निराश ?
इस निराशा का कोई समाधान दूं तुम्हें
ऐ जिंदगी आ तुझे जीना सिखा दूं मैं
जब हम दोनों का हैं एक जैसा हाल,
तो फिर क्यों इतराते हो
हमें सबक सिखाते सिखाते,
खुद पहेली बन जाते हो
ऐ जिंदगी, चलो एक दूजे को जीना सिखा देंगे
दोनों ही जीत जाये,
ऐसा माहौल बना देंगे,
ऐ जिंदगी, साथ रहकर
एक दूजे को जीना सिखा देंगे,
एक दूजे को जीना सिखा देंगे।
