Neeru Sharma
Romance
वो आए इस
अदा से
हम जाना
भूल गए।
अदा
मैं जो कलम हूं तो स्याही तुम हो मैं अगर किताब हूं को पन्ना तुम हो मैं जो कलम हूं तो स्याही तुम हो मैं अगर किताब हूं को पन्ना तुम हो
हर लम्हा गुनगुनाऊँ मोहब्बत का नगमा है तेरी सोहबत का असर ये ! हर लम्हा गुनगुनाऊँ मोहब्बत का नगमा है तेरी सोहबत का असर ये !
मै वो बारिश अभी भी देख सकता हूँ साथ महसूस कर सकता हूँ मिट्टी मे उठनेवाली वो सुगंध। मै वो बारिश अभी भी देख सकता हूँ साथ महसूस कर सकता हूँ मिट्टी मे उठनेवाली वो...
घुल रही है मेरी साँसों में तुम्हारे स्पर्श की उष्मा, मैं उबलते पिघल रही हूँ। घुल रही है मेरी साँसों में तुम्हारे स्पर्श की उष्मा, मैं उबलते पिघल रही हूँ।
ज़माना चलता रहेगा और ये हर युग में अपने होने के निशाँ ज़माना चलता रहेगा और ये हर युग में अपने होने के निशाँ
जरूर चमक रहा होगा उनका चेहरा इस समय सुनहरी आभा से जरूर चमक रहा होगा उनका चेहरा इस समय सुनहरी आभा से
के ये जिद्द है कैसी आवारा बादलों सा है प्यार तुम्हारा। के ये जिद्द है कैसी आवारा बादलों सा है प्यार तुम्हारा।
इंतजार में क्यों अपना वक्त गंवाना इंतजार में यार हुये बहुत तार तार इंतजार में क्यों अपना वक्त गंवाना इंतजार में यार हुये बहुत तार तार
तेरे बिना जिंदा तो हैं लेकिन पत्थर बन गये हैं तेरे बिना जिंदा तो हैं लेकिन पत्थर बन गये हैं
ये दो शारीरिक आत्मायों की भूख है ,इस खेल में कोई हार - जीत नहीं। ये दो शारीरिक आत्मायों की भूख है ,इस खेल में कोई हार - जीत नहीं।
चोट जो लगी है दिल पर, प्यार की मरहम तो लगा दो, चोट जो लगी है दिल पर, प्यार की मरहम तो लगा दो,
किताब का एक किस्सा हूं मैं, उस किस्सा की पूरी प्रेम कहानी है तू। किताब का एक किस्सा हूं मैं, उस किस्सा की पूरी प्रेम कहानी है तू।
उसकी नशीली आंखें इस कदर जादू कर गईं. उसकी नशीली आंखें इस कदर जादू कर गईं.
तुम कभी फूलों सी तो कभी पंखुड़ी गुलाब की लगती हो। तुम कभी फूलों सी तो कभी पंखुड़ी गुलाब की लगती हो।
मेरी कल्पना क्या है रूप तुम्हारा ? मुझको भी बताओ, मेरी कल्पना क्या है रूप तुम्हारा ? मुझको भी बताओ,
मैं जो जी रही हूँ,मेरे जीने की वजह तुम हो…॥ मैं जो जी रही हूँ,मेरे जीने की वजह तुम हो…॥
ओस की नन्ही कंपकंपाती बूँद की तरह, जिसमें ठहरा है स्वादिष्ट लावा, जिसकी चाशनी में डूब ओस की नन्ही कंपकंपाती बूँद की तरह, जिसमें ठहरा है स्वादिष्ट लावा, जिसकी चा...
धकेल हताशाओं के बादल खुशी के बीज भर ही देते हो। धकेल हताशाओं के बादल खुशी के बीज भर ही देते हो।
भले जिस्म दो हों अकेला अधूरा वही प्रेम है जो रहे रूह वाला।। भले जिस्म दो हों अकेला अधूरा वही प्रेम है जो रहे रूह वाला।।
हाथ मेरे हाथों में थे तुम्हारे लेकिन दिल से मेरे नहीं थे तुम। हाथ मेरे हाथों में थे तुम्हारे लेकिन दिल से मेरे नहीं थे तुम।