अबकी बार नहीं पाओगे
अबकी बार नहीं पाओगे
जब पूरी दुनिया ने ठुकराया, उन्होंने एक बार फिर हमारे दिल का दरवाज़ा खट खटाया।
उन्हें यूँ बरसो बाद देख....हमारे दिल ने भी सब कुछ भूल भुला कर उन्हें अन्दर बुलाया।
उन्हें देखकर हमें भी बहुत कुछ एक बार फिर याद आया कि
कुछ ऐसी आदत सी थी उनकी जिसे कोई आज तक न छुड़ा पाया।
उनके सामने महज़ एक शब था पराया।
उन्हें देख हम भी मुस्कुराये थे, यह सोच कर कि लौट कर बुद्धू आखिर घर ही को आये।
फिर जब वो बड़ी बड़ी बातें करते हैं कसम वादे करने लगे तो हमने भी कह दिया
अबकी बार जो इस दिल की चौखट पार कर जाओगे,
मुझे दूसरी तरफ तुम्हारा इंतजार करते हुए इस बार नहीं पाओगे।
रोते गिड़गिड़ाते हुए इस बार नहीं पाओगे,
हमें कस कर गले लगाने के लिये इस बार तुम बेताब हो जाओगे।
तुम्हारी उस मुस्कुराहट से हमारे दिल को नहीं पिघला पाओगे।
अबकी बारी दूसरी तरफ हमें नहीं पाओगे।
अरसों बाद आज जा के उन्हें हमारी आंखों में मोहब्बत नजर आ रही है,
लेकिन न हम बता पा रहे हैं न वो ये जान पर हैं की
आंखों में ये मोहब्बत उनके नहीं किसी और के लिए है।
हमारा दिल अभी उनके नहीं किसी और के लिए धड़कता है।
हम बेताब बेचैन अब उनके नहीं किसी और के लिए होते हैं।
हम हमारे दुख दर्द किससे उन्हें नहीं किसी और को सुनाते हैं।
क्योंकि अब हम उनके नहीं उस किसी और के हो चुके है।