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Chanchal Pahuja

Inspirational

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Chanchal Pahuja

Inspirational

अभिशाप नहीं है कन्या

अभिशाप नहीं है कन्या

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अभिशाप मत समझना, निर्भर इन्हें बनाएँ।

दुर्गा समान कन्या, जन्मी खुशी मनाएँ ।।


कन्या निसर्ग प्यारी, उपकार कर रही है।

ससुराल मायके का,शृंगार कर रही है।।

निर्भय बना सदा ही, हर क्षेत्र में बढ़ाएँ।

दुर्गा समान कन्या, जन्मी खुशी मनाएँ।


कलुषित गरल मिले तो, चुपचाप पान करती।

ग़म के मिले समंदर, मोती जहान भरती।

संतान ये हमारी, युगधर्म हर निभाएँ।

दुर्गा समान कन्या, जन्मी खुशी मनाएँ ।


तूफान संकटों में, पतवार खींच लाती।

हर स्वप्न जिंदगी का, साकार कर दिखाती।

खुद पैर पर खड़ी हों, इतना इन्हें पढ़ाएँ।

दुर्गा समान कन्या, जन्मी खुशी मनाएँ।।


कोई न भार समझो, संबंध सार हैं ये।

ममता बहन कभी तो, माँ का दुलार हैं ये।

प्रमुदित हृदय बनाकर, इनको सदा सिखाएँ।

दुर्गा समान कन्या, जन्मी खुशी मनाएँ।।

 



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