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Anupma Gangwar

Inspirational

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Anupma Gangwar

Inspirational

अभिनंदन का अभिनंदन

अभिनंदन का अभिनंदन

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है खून का कोई संबंध नहीं, फिर भी दिल में क्रंदन है। 

मेरी तेरी पहचान नहीं तो क्या, इस भारत-भूमि का बंधन है।। 


दुश्मन के बीच खड़ा धैर्य से, शौर्य-अग्नि से निकला कुंदन है।

तुम जैसे वीर योद्धा से ही, ये भारत-भूमि चंदन है।। 


क्रंदन करते जिसके आगे दुश्मन, उस सैनिक भेष का वंदन है। 

जिस धरती ने ऐसे लाल जने है, उस देश का अभिनंदन है।। 


वीरों की धरा पर, बबूल के जंगल में जैसे चंदन है। 

झुका नहीं तू दुश्मन के आगे, वंदन है! अभिनंदन है।। 


पाकिस्तान की युद्ध-भूमि से, तप कर लौट रहा अभिनंदन है। 

सूरज सा जो चमके नभ में, भारत का कुंदन है।। 


हे अभिनंदन! फिर तुम्हारा अपने घर अभिनंदन है। 

वंदन है! अभिनंदन है! मातृभूमि का वंदन है।।


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