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Padma Verma

Inspirational

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Padma Verma

Inspirational

" अभिमान "

" अभिमान "

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  करो न अभिमान अपने पर कभी ,

  टूटता है अभिमान कभी न कभी ,

  रखो धैर्य अपने आप पर अभी ,

  पूरी होगी ख्वाइश तुम्हारी सभी।


  दुख- सुख की नदिया है ज़िंदगी,

  लगानी है सबको इसमें डुबकी,

  पार जाना है हर किसी को अभी,

  समय आएगा पार जाएंगे तभी।


  धैर्य रखना होगा जिंदगी में तभी,

  कार्य होगी सम्पन्न होगी किसी की,

  छोटा- बड़ा हर कार्य है जरूरी,

  करनी पड़ेगी हमें समय पर‌ पूरी ।


  समय चक्र कुछ ऐसी है जीवन की ,

  न छोड़ेंगी वह किसी की नादानी,

 सज़ा तो पड़ेगी तुम्हें ही काटनी,

  हर जनम का हिसाब है चुकानी,


 अपने ऊॅंचाई पर न कर अभिमान ,

 अपने कर्मो पर न कर अभिमान,

 अपने दौलत पर न कर अभिमान ,

 समय का अभिशाप है अभिमान।



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