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Satya Prakash Sharma 'सत्य'

Inspirational

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Satya Prakash Sharma 'सत्य'

Inspirational

आँधी में हम दीप जलाकर छोड़ेंगे

आँधी में हम दीप जलाकर छोड़ेंगे

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आँधी में हम दीप जलाकर छोड़ेंगे।

नफ़रत की दीवार गिराकर छोडेंगे।


नामुमकिन को मुमकिन करना आता है,

सपनों को साकार बनाकर छोड़ेंगे।


तूफानों को आना है तो आ जाएं,

कश्ती हम उस पार लगाकर छोड़ेंगे।


जिन राहों में बस काँटे ही काँटे हैं,

उन राहों में फूल खिलाकर छोड़ेंगे।


पहले कितनी बार हराया दुश्मन को,

ऐसे ही इस बार हराकर छोड़ेंगे।


समझा है भगवान जिसे पूजा भी है,

अब उस पत्थर को पिघलाकर छोड़ेंगे।


'सत्य' उजालों को फैला देंगे इतना,

अंधियारों की नींद उड़ाकर छोड़ेंगे।


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