आज फिर
आज फिर
ए दोस्त
एक दशक बीत गया
क्या अब भी हम नहीं मिलेंगे
क्या अब भी इंतजार मैं ही बीत बीत जाएगी उम्र
दूर होकर भी याद इतने क्यों आते हो
अनायास आंसू आ जाते
सभी से छिपाया
पर खुद के मन से छिपाना नामुमकिन
ए दोस्त
कभी तो मिलों
कभी तो लगे वक़्त ठहर गया।