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आगे बढ़ना ही होगा

आगे बढ़ना ही होगा

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समस्त विश्व, संसार, जगत में
चढ़ कर तुम विघ्नों के रथ में
पा जाओ उस अनंत कीर्ति को
देकर मात समस्त सृष्टि को
बढ़कर आगे इतिहास तुम्हे गढ़ना ही होगा
आगे बढ़ना ही होगा, आगे बढ़ना ही होगा

लक्ष्य प्राप्त करने के पथ में घना तिमिर जब छाएगा
संगी साथी नहीं होंगे तब, एकाकी तू रह जाएगा
विचार शक्ति ही एक मात्र तब तेरे काम आएगी
मन के प्रकाश पर भी, तम की बदली छा जायेगी
इस स्थिति में, सत्य का मूल मंत्र पढ़ना ही  होगा
आगे बढ़ना ही होगा, आगे बढ़ना ही होगा

समाज जब तेरे साथ न हो
सिर  पर परिवार का हाथ न हो
हाथ है उस ईश्वर का तुझ पर
भले पूजा तूने उसको दिन रात न हो
कर्तव्यपरायणता के पथ पर, सदैव तुझे चलना ही होगा
आगे बढ़ना ही होगा, आगे बढ़ना ही होगा

लक्ष्य तक पहुँचने  हेतु, त्याग तुझे करना होगा
वास्तविकता को अपना, दिवास्वप्नों को तजना होगा
निष्ठुर लगते इस विश्व में, सभी भीड़ में चलते हैं
सपनों को पूरा करने की इच्छा को मन में रखते हैं
भीड़ त्याग कर तुझे उस विजय रथ पर चढ़ना ही होगा
आगे बढ़ना ही होगा, आगे बढ़ना ही होगा

संसार जगत में छाने को
अपना लोहा मनवाने को
छोड़ने होंगे सब भोग विलास
छोड़नी होगी मदिरा की प्यास
अनजाने में हुए अपराधों का बोझ, अपने माथे मढ़ना होगा
आगे बढ़ना ही होगा, आगे बढ़ना ही होगा

न ही तेरा उपहास बने
अपितु गौरवशाली इतिहास बने
महिमामंडित तुझको करे विश्व
ऐसा जग में तू सरताज बने
मान करें सम्मान करें सब, व्यक्तित्व ऐसा तुझको गढ़ना होगा
आगे बढ़ना ही होगा, आगे बढ़ना ही होगा 

मनः स्थिति तब बदलेगी, जब ख्याति जग में होगी तेरी
चक्षुओ में धुंध पड़ जायेगी, होगी ऐसी ही गत तेरी
इक दिन ऐसा भी आएगा, जब तू विलुप्त हो जाएगा
तेरे कर्मों के लिए ही तू, जग में पूछा जाएगा
छाप छोड़ जाने हेतु, एक स्मृति महल गढ़ना ही होगा
आगे बढ़ना ही होगा, आगे बढ़ना ही होगा


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