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Phool Singh

Inspirational

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Phool Singh

Inspirational

आधुनिक नारी

आधुनिक नारी

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संचालित कर दया करूणा, स्वार्थ पूर्ति का भाव नहीं 

स्वयं को समर्पित तुझको कर दूँ, 

इच्छाऐं मेरी खास नहीं ॥ 


डोली सजा तेरे दर पर आई, ज़ोर-जबरदस्ती की कोई बात नहीं 

हाथ उठाने की गलती ना करना, 

नहीं सहूँगी वार कोई ॥


तेरे इशारों पर इत-उत डोलूँ, तू कोई सरकार नहीं 

क्रोध से तेरे मैं थर्र-थर्र काँपू, 

डरने वाली मैं नार नहीं ॥


तुम जलाओं शमां की महफिल, हो के नशे में धुत्त कहीं

ढूँढ बहाने झूठ भी बोलो 

इतना तुम पर ऐतबार नहीं ॥


भरोसा करूँ मैं खुद से ज्यादा, धोखा ना देना मुझको कभी 

छोड़ने में तुझको देर करूँ ना 

दिल्लगी मुझको पसंद नहीं ॥


पढ़ी-लिखी मैं शिक्षित नारी, अबला, अनपढ़, गँवार नहीं 

प्रेम करों तो प्यार मिलेगा 

नहीं सहुंगी अत्याचार कोई ॥


दफ्त र संग मैं घर संभालू, आराम का ना नाम कहीं

ऊपर से तेरे नखरे सहती 

मुझमें शक्ति का अंबार नहीं ॥

 

कदम मिला मैं साथ चलूँ, मानू तेरी हर बात कही

हँसी-खु़शी तेरे संग, जिंदंगी बिता दूँ 

प्रेम का मेरे कोई पार नहीं ॥


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