स्तर
स्तर
" बिन गुरु ज्ञान न होंहि गोपाला " मस्ती में झूमते छात्रों की बोली सुनकर, " ये कक्षा में क्या शोर मचा रखा है? टीचर को आने में दो मिनट देर क्या हो गई, शुरु हो गया रामचरितमानस । सुबह आते ही अनुशासन भूल जाते हो। तुम्हारा मंत्रजाप दूर से ही सुनाई दे रहा है। पढ़ते-लिखते हो नहीं दोहा-चौपाई रटने से क्या होगा? चलो जाकर खड़े हो जाओ।बच्चों के मन की पवित्रता, निश्छल प्रेम, गुरु के प्रति श्रद्धा अचानक से, सबका स्तर गिर गया।