Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!
Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!

दीपू

दीपू

5 mins
14.7K


रविवार के एक खुशनुमा दिन की शुरुआत हो चुकी थी, पूनम और दीपेश चाय की चुस्कियों की साथ सुकून के पलो का आनंद उठा रहे थे । पति पत्नी दोनों ही कामकाजी थे और इनकी शादी को 3 वर्ष बीत चुके थे। इस शादी के लिए काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा था, पूनम चौहान और दीपेश राय को, पर इन दोनों के प्यार के आगे घरवालों को झुकना पड़ा, लेकिन आज दोनों के ही घरवाले इनके सुलझे रिश्ते और इनकी तरक्की को देखकर काफी खुश होते है । उनको सिर्फ एक ही शिकायत है और मजाक-मजाक में वो इसका ज़िक्र भी कर देते है, कहते है "तुम दोनो ने करियर के चक्कर में काफी लेट शादी की पर अब दो से तीन होने में ज्यादा वक़्त मत लगाना", दीपू इसे हँसकर टाल देते थे। पर दोनों के दिमाग में ये बात तो थी कि चूँकि दोनों ही अब सैटल है तो फैमिली प्लानिंग में ज्यादा वक़्त नहीं लगाना चाहिए।

दीपू शादी के बाद भी पति-पत्नी कम और दोस्त ज्यादा लगते थे, बातो ही बातो में कही भी पहुँच जाते थे इनकी बातों का कोई अंत नहीं होता था, मुद्दा चाहे आर्थिक हो सामाजिक हो या राजनीतिक वो दोनों इतनी बारीकी और सुलझे हुए तरीके से बहस करते कि जैसे कोई डिबेट शो चल रहा हो। एक अलग ही किस्म का रिश्ता था पति और पत्नी का।

आज चाय पीते हुए दोनों पिछले हफ्ते के दौरान घटित अपने-अपने ऑफिस के किस्से शेयर कर रहे थे, कोई-कोई बात तो इतनी हास्यपद होती कि दोनों के ठहाको से पूरा घर गूंज उठता था। इस हँसी-ठिठोली में अचानक एक ठहराव आया और पूनम बाथरूम की तरफ भागी, दीपेश थोड़ा घबराया, उसे बाथरूम से सिर्फ उल्टियों की आवाज़ आ रही थी।

"तुम ठीक हो पूनम " दीपेश ने पूछा। इस हालत में पीड़ित व्यक्ति अक्सर कोई जवाब नहीं देना चाहता। इसलिए इस सवाल के जवाब में दीपेश को सिर्फ ख़ामोशी सुनाई दी, कुछ देर बाद पूनम मुस्कुराते हुए बाहर निकली, दीपेश ने पूछा क्या हुआ, जवाब मिला "दो से तीन होने वाले है"। दीपेश ने अपनी ख़ुशी दबाते हुए पूछा "कैसे पता" ? बदले में पूनम ने प्रैग्नैंसी किट का पॉजिटिव रिजल्ट दिखाया। इतना सुनते ही दीपेश ने पूनम को गोद में उठा लिया। ख़ुशी के इन पलो से सुबह और खुशनुमा हो गई। दीपू ने दोनों घरो में फ़ोन लगा कर ये ख़ुशख़बरी सुनाई तो दोनों घरो से उन्हें ढेर सारी बधाई और आने वाले टाइम के लिए बहुत से इंस्ट्रक्शन मिलने लगे। फ़ोन रखने के बाद नए मेहमान से जुड़ी बाते होने लगी, लड़का होगा या लड़की, डिलीवरी किस हॉस्पिटल में होगी, नाम क्या होगा, सरनेम क्या होगा। दीपेश के मुँह से ये बात सुनकर पूनम चौंक गई।

और हँसते हुए बोली, "क्या कहा मिस्टर हस्बैंड" । दीपेश ने अपनी बात दोहराई तो जवाब मिला, "राय होगा ना सरनेम", लड़की को शादी के बाद अपने पति का और बच्चे को बाप का ही नाम मिलता है, दीपेश ने कहा "पर तुमने भी तो अपना ही सरनेम रखा है ना शादी के बाद।

पूनम ने कहा "वो मेरा मिडिल नेम है लास्ट नेम राय ही है, आय ऍम पूनम चौहान राय, समझे ! दीपेश प्यार से पूनम को बाँहों में लेते हुए बोला "हाँ बाबा मेरा वो मतलब नहीं था।"

"प्लीज !! मुझे इस समय कोई बहस नहीं करनी है", पूनम ने बनावटी नाराजगी के साथ ये बात कही। दीपेश ने उसके इस बनावटीपन को भाँपते हुए कहा, "ये बहस नहीं, हैल्थी डिस्कशन है डार्लिंग"। पूनम दीपेश को समझाने लगी कि अपनी शादी के लिए ही इतने पंगे हुए है अब बच्चे के नाम पे भी घर में पंगा होगा, तुमको ये रेवोल्यूशनरी आइडियाज आते कहाँ से है ?

दीपेश कहने लगा "ऐसा कुछ नहीं है यार, मुझे लगता है जब एक बच्चे के लिए माँ इतनी तकलीफ सहन करती है तो क्यों न उसे माँ का ही सरनेम दिया जाये।

नो ये पॉसिबल नहीं है तुम्हारी फैमिली का नाम भी तो आगे बढ़ाना है, पूनम ने तर्क दिया।

वो तो दूसरे बच्चे के सरनेम से आगे बढ़ जायेगा, दीपेश ने अपना तर्क दिया।

पूनम- "दोनों बच्चो का सरनेम मैच नहीं होगा ये चीज़ नहीं जमेगी।"

दीपेश- "अच्छा ऐसा करते है दोनों सरनेम के कॉम्बिनेशन से एक नया सरनेम क्रिएट करते है।"

पूनम ने इस बार थोड़ा झल्लाते हुए कहा, "क्या नया कॉम्बिनेशन निकालोगे राय और चौहान से, राचौ या चौरा, बहुत कॉम्प्लिकेटेड हो जायेगा यार"।

दीपेश ने हँसते हुए कहा : "कोई तो बेस्ट कॉम्बिनेशन मिलेगा यार, विल फिगर इट आउट"!

"एक मिनट,उसे कोई सरनेम ही ना दिया जाये तो, कुछ मुश्किलें जरूर आएँगी पर हमारा बच्चा एक पर्टिकुलर कास्ट के टैग से तो आज़ाद होगा", दीपेश अपने तर्क दिए जा रहा था और पूनम उसकी तरफ विस्मय की दृष्टि से देख रही थी पर उसके दिल में दीपेश के लिए इज्ज़त थोड़ी और बढ़ गई थी, पूनम ने मुस्कुराते हुए दीपेश के बालो में हाथ फेरा और कहा, "बारह बज गए है उठो बहुत सारे काम है, मेड छुट्टी पे है, खाना आर्डर करना होगा, शावर ले लो तब तक मैं डॉक्टर का अपॉइंटमेंट लेती हूँ, शाम को डॉक्टर के भी जाना होगा।"

"साथ चलते है ना," दीपेश कहा।

"ऑब्वियसली, अकेले थोड़ी ना जाऊँगी डॉक्टर के पास", पूनम ने मुँह बनाते हुए कहा।

"मैं तो शावर की बात कर रहा था", दीपेश चुटकी लेते हुए बोला ।

पूनम ने प्यार से तकिया दीपेश के मुँह पे मारते हुए कहा, "शट अप्प्प सुधर जाओ बाप बनने वाले हो....!"

"अभी बना तो नहीं हूँ ना", दीपेश ने मुस्कुरा के जवाब दिया।

पूनम ने भी मुस्कुराकर कहा, "अच्छा सुनो, विल डिस्कस ऑन योर "क्रांतिकारी विचार" एंड फाइंड दी बेस्ट सोल्युशन।"

दोनों की मुस्कुराहट बढ़ गई थी और प्यार की इस ऊष्मा को घर का हर एक कण महसूस कर रहा था |



Rate this content
Log in

More hindi story from Amit Vijay

Similar hindi story from Drama