असली गौ-रक्षक कौन?
असली गौ-रक्षक कौन?
चौराहे पर एक मुस्लिम युवक को पीटा जा रहा था। पास जाकर देखा तो जाना कि पीटने वाले खुद को गौ-रक्षक बता रहे थे और पिटने वाले पर बीफ खाने का आरोप था। भीड़ धार्मिक कट्टरता से चमचमता हुआ राष्ट्रवाद का चश्मा पहन तमाशा देख रही थी।
थोड़ी देर में पुलिस आई, पूछताछ की और सबका पहचान पत्र देखा। पता चला कि पीटने वालों में से दो "गौ-रक्षक" किसी कसाई-खाने में काम करते थे और पिटने वाला युवक एक "पशु-चिकत्सक" था जिसने बहुत सी गायों का इलाज भी किया था।
जब भीड़ ने राष्ट्रवाद का चश्मा उतारा तो उन्हें रक्षक और भक्षक का फ़र्क भी धुँधला-धुँधला दिखाई देने लगा! जाते जाते उनके चश्मों से धार्मिक कट्टरता की चमक भी कम होती गयी!