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Antima Singh

Fantasy Romance

5.0  

Antima Singh

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पहला प्यार

पहला प्यार

3 mins
7.2K


आज बोर्ड का पहला पेपर था। कितनी नर्वस थी मैं, पूरे साल जी भर के तैयारी की ।थी मम्मी-पापा ने भी बहुत सपोर्ट किया था। वो तो हमेशा यही कहते कि दसवीं के बोर्ड में स्कूल में टॉप किया तो अब बारहवीं में क्यों घबरा रही हो।

पर ना जाने क्यों आज पैर और हाथ दोनोम कांप रहे थे..तभी मम्मी ने आवाज लगाई- आशी, जल्दी करो बस निकल जायेगी। तुम्हारे पापा भी शहर से बाहर गए हैं।

मैंने जल्दी से अपना सारा सामान रखा और बस स्टॉप पर पहुच गयी पर आज बस का टाइम हो गया पर बस कहीं दिखाई नही दे रही। तभी एक ऑटो वाले ने बताया- कि बेटा दिल्ली में आज एक राजनीतिक पार्टी की बहुत बड़ी रैली निकल रही है तो सड़कों पर बहुत जाम है।

मेरे पैरों तले जमीन खिसक गई। पेपर शुरू होने में बस 1 घण्टा बाकी था। अब कैसे पहुँचूँगी। ऑटो को रोका तो वो भी तैयार नहीं हुआ।

मैं बदहवास सी सड़क पर इधर-उधर दौड़ रही थी कि तभी एक बाइक सवार आकर रुका और बोला- मैडम क्या हुआ। आप परेशान है, लगता है आपका एग्जाम है, जाम बहुत है, मैं आपको छोड़ दूँ ?

मैं तुरंत उस युवक के पीछे बैठ गयी। उसने मुझे टाइम पर स्कूल छोड़ दिया पर जल्दीबाजी में उसे थैंक यू भी नहीं बोल पाई पर एक साँसों को मदहोश करने वाली सुगंध ने तन बदन में सिरहन पैदा कर दी। ये उस लड़के के लगाए डियो की महक थी। मैंने क्लास रूम में पहुँच कर अपना पेपर दिया। भगवान की दुआ से पेपर बहुत अच्छा हुआ...

3 दिन बाद दूसरा पेपर था। मैं बस स्टॉप पर पहुचीं। दिल में यही बात आ रही थी कि काश आज भी जाम की वजह से बस ना आये। ना जाने क्यों नजरें बार-बार उस युवक को तलाश रही थी। साँसें उसकी सुगन्ध को अभी तक महसूस कर रही थी। तभी बाइक आकर रुकी। मेरी धड़कन बढ़ गयी। युवक ने हेलमेट उतारा और बोला- मैडम क्या आज भी बस नही आई..

मैं ड्राप कर दूँ क्या।

मैंने भी झूठ बोल दिया- जी लगता है, मैं देर से पहुँची हूंँ, बस शायद निकल गई। आपका बहुत-बहुत शुक्रिया। मैं बिना देर किए उसके पीछे बैठ गयी। वही खुशबू मेरी साँसों में उतर गयी।

मैडम स्कूल आ गया, उस युवक ने जोर से कहा तब मैं ख्वाब से वापस आयी।

जी शुक्रिया आपका, आज आपने ना छोड़ा होता तो मेरा पेपर निकल जाता।

जी ये मेरा फर्ज था, आपकी बस जो मिस हो गयी।

तभी तेज आवाज में बस का हॉर्न बजा। स्कूल बस आकर गेट पर रुकी। बस में से सभी बच्चे उतरे। तभी मेरी सहेली ने कहा- अरे आशी तू कहां थी, हम बस स्टॉप पर तेरा इंतज़ार करते रहे... मैंने नजर झुका ली। उस युवक के सामने मेरा झूठ पकड़ा गया... वो भी मुस्कुरा रहा था... मैं थैंक यू बोल कर स्कूल में दाखिल हो गयी। शायद ये मेरे पहले प्यार की शुरुआत थी..


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