ये है हमारा प्यारा गुलिस्तान
ये है हमारा प्यारा गुलिस्तान
न कोई हिन्दू यहाँ,
न कोई मुस्लमान,
न कोई सिख यहाँ,
और न कोई ईसाई;
सबका धर्म एक यहाँ,
सबका मत एक,
सबकी पहचान एक यहाँ
कि सब है हिन्दुस्तानी।
सबके घर बने दिवाली,
सबके घर ईद,
सबके घर बने बैसाखी,
और सबके घर क्रिसमस।
यहाँ भाईचारे की रिमझिम बरसे
और एकता के फूल,
ये देश कोई और नहीं
ये है हमारा प्यारा गुलिस्तान।।