समय के पाबंद
समय के पाबंद
लकातरो पे जान लटके
सांसें भी जब धीमी हो जाती है
याद आता है वो समां
जब हम ना थे
इस वक्त के पाबंद
आज धडकने चले तो सही
पर रुह थमसी गयी है
इस आसमनो का पता तो बता दो
के लम्हें पाबंद हो गये है
इस समय के
के लम्हें पाबंद हो गये है
इस समय के
इस समय के