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नामुमकिन में मुमकिन देख सकूं

नामुमकिन में मुमकिन देख सकूं

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दुआ ये नहीं करता कि ज़िन्दगी आसानियों से भर दे,

बस मेरे हौंसले का कद मेरी मुश्किलों से ऊँचा कर दे

मुसीबतों को करीब आता देख घबरा सा जाता हूँ खुदा,

नामुमकिन में मुमकिन देख सकूं ऐसी बेख़ौफ़ नज़र दे


उड़ना चाहता है ये नया परिंदा तेरी ही बदौलत मौला,

थोड़ी इस पर भी खर्च कर अपने कर्म की दौलत मौला

अपनी अदालत में सिर्फ़ मेरी खामियां ना देख मेहरबान,

थोड़ा सही भी जरूर हूँ अगर हूँ मैं थोड़ा गल्त मौला


डगमगाऊँ ना जिस पे चलते-चलते , जज़्बे की ऐसी डगर दे

दिलो-दिमाग को अपनी रज़ा में राज़ी रहने की हरकत दे,

जो कुछ भी दिया तुमने खुदा उसी में इतनी बरकत दे

जुबान भी इक जरिया है किसी को ख़ुशी या गम देने का,

दिल ना दुखाएं किसी का मेरे लफ़्ज़ों में इतनी नज़ाकत दे

दिल की अँधेरी गुफाओं को अपने नूर से यूं भर दे


इस आशिष नाकामयाब को कामयाबी की कोई खबर दे,

मेरा मुर्शद खुश हो जाए मेरे सजदों में ऐसा असर दे

#postiveindia


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