जो तूने मुझको बख्शा था (Alt Lyrics : Main pal do pal ka shayar hun )
जो तूने मुझको बख्शा था (Alt Lyrics : Main pal do pal ka shayar hun )
Original Lyrics : मैं पल दो पल का शायर हूँ
Lyricist : Sahir Ludhianavi
Music : Khayyam
Singer : Mukesh
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My version title : जो तूने मुझको बख्शा था
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जो तूने मुझको बख्शा था ,
वो क़र्ज़ अभी तक बाकी है ,
जीने मरने की हर रस्में ,
यूँ अदा से हमने अदा की है
१)
अक्सर शामों से आजकल ,
तेरी बातें कर लेता हूँ ,
अपने हाथों की रेखा में ,
तेरे चेहरे गढ़ लेता हूँ ,
अब बेमतलब से लगते हैं ,
क्या दीन-ओ-धरम क्या शेर-ओ-सुखन ,
बेढंग बेढब से लगते हैं ,
क्या रंग-ऐ-चमन क्या अहल-ए-वतन ,
२)
कुछ मीठी कुछ कुछ खट्टी सी ,
यादों की गुल्लक साथ है ,
कुछ रह रह कर खनकती सी ,
वादों की चिल्हर साथ है ,
अब शौक़-ऐ-सुकून-ऐ-दिल नहीं ,
औ' दिल की कोई मंज़िल भी नहीं ,
क्या सोचें क्या खोया पाया ,
जब इसका कुछ हासिल भी नहीं।