जो तूने मुझको बख्शा था , वो क़र्ज़ अभी तक बाकी है , जीने मरने की हर रस्में। जो तूने मुझको बख्शा था , वो क़र्ज़ अभी तक बाकी है , जीने मरने की हर रस्में।