शीर्षक:फागुनी बयार
शीर्षक:फागुनी बयार
पीली पीली सरसों महकी
चादर पीली माँ धरा ने ओढ़ी
शीत गमन आया बसंत
प्रकृति ने भी नव उमंग ओढ़ी
बयार मदमस्त बह चली
मानो धरा सुगन्धित हो चली
खेत खलिहानों में हरीतिमा चली
मानो रूप श्रृंगार कर चली
माँ सरस्वती हर्षित आई
विद्या का वरदान जो लाई
मन बावरा मचल उठा
सबने पूजन थाली सजाई
फागुनी सी हवा में हर्षाए
उमंग मस्ती फाग की लाये
सतरंगी मौसम खेत लहलहाए
सब तरफ खुशियां ही खुशियां आये।
