Chetan Gondalia
Abstract
हाइकू: वर्षागमन
बालू तूफान,
माटी ख़ुश्बू महकी
वर्षागमन ।
...
निवृत्त सेनान...
सबसे सच्चा और...
सफर जारी है.....
सूख लगे...
फ़ुरसत
समय बहरा होता...
जरूरी था...
सीख लो..
किये होंगे...
जग के नक्शे से उसका नामो-निशान मिट जाएगा। जग के नक्शे से उसका नामो-निशान मिट जाएगा।
अब क्या बहना मुश्किल में, जो सीधे होकर सादा गा गए ! अब क्या बहना मुश्किल में, जो सीधे होकर सादा गा गए !
इतना ज्यादा भी काम के पीछे ना भागो की खुशियां रूठ जाए तुमसे, इतना ज्यादा भी काम के पीछे ना भागो की खुशियां रूठ जाए तुमसे,
पैसा रिश्तो से बड़ा हो गया। पैसों के कारण ही रिश्तो में झगड़ा हो गया। पैसा रिश्तो से बड़ा हो गया। पैसों के कारण ही रिश्तो में झगड़ा हो गया।
मैं राम था, राम हूं, और राम ही रहूंगा बस यही बात कहने यहाँ राम आया है। मैं राम था, राम हूं, और राम ही रहूंगा बस यही बात कहने यहाँ राम आया है।
थोड़ा सा मज़ाक कर लेते है तुमसे गर रूठ जाते हो तो मना लेते है उसी पल, थोड़ा सा मज़ाक कर लेते है तुमसे गर रूठ जाते हो तो मना लेते है उसी पल,
एक तुम्हारी आवाज है और हर रूप में बस तुम्हारा रूप है। एक तुम्हारी आवाज है और हर रूप में बस तुम्हारा रूप है।
सब्र करना सीख लो अधूरा विश्वास होता है जीवन। सब्र करना सीख लो अधूरा विश्वास होता है जीवन।
अब मैं चलता हूँ, दुEओं में याद रखना। अब मैं चलता हूँ, दुEओं में याद रखना।
बहुत कुछ सीखना ही पड़ता है अतीत की स्मृतियों से जुड़ना और जूझना ही पड़ता है। बहुत कुछ सीखना ही पड़ता है अतीत की स्मृतियों से जुड़ना और जूझना ही पड़ता है।
भारतीयों के हित में एक बार फिर कुछ अस्तित्व में सक्रिय है। भारतीयों के हित में एक बार फिर कुछ अस्तित्व में सक्रिय है।
धर्म मन के आकाश में ट़ंगा हुआ इन्दधनुष है। धर्म मन के आकाश में ट़ंगा हुआ इन्दधनुष है।
विमर्शों में विमर्श है गांधी विषादों में, हर्ष हैं गांधी।। विमर्शों में विमर्श है गांधी विषादों में, हर्ष हैं गांधी।।
उसके रहस्य को ढूंढते रहते हैं हर पल, हर लम्हा ...रात और दिन उसके रहस्य को ढूंढते रहते हैं हर पल, हर लम्हा ...रात और दिन
देश विदेश बाल्य रुप देखने के लिए अभिलाषी है देश विदेश बाल्य रुप देखने के लिए अभिलाषी है
हमारे थोड़ा मुस्करा देने से, इसमें हमारा जाता भी क्या है। हमारे थोड़ा मुस्करा देने से, इसमें हमारा जाता भी क्या है।
हुआ बदनाम जिनके वास्ते , संसार सागर में । मैं ऐसी लहर हूँ सारा समंदर साथ रखता हूँ ।। हुआ बदनाम जिनके वास्ते , संसार सागर में । मैं ऐसी लहर हूँ सारा समंदर साथ रखता...
वही बात जिसे ढ़ोते ढ़ोते उमर हो गई पचास पार। वही बात जिसे ढ़ोते ढ़ोते उमर हो गई पचास पार।
आसमान मुट्ठी में रखते, नित गुणगान समझ लो ! आसमान मुट्ठी में रखते, नित गुणगान समझ लो !
नई ऊर्जा से भर जाए जीवन तुम, मुझमें और मैं तुम में फिर से मुस्कुरा दूं। नई ऊर्जा से भर जाए जीवन तुम, मुझमें और मैं तुम में फिर से मुस्कु...