बारिश
बारिश
तुम मिलना उस बारिश में..
उस पल को पाने के लिए..
जो सबसे खास हो
मुझे नहीं पता किस्मत में क्या हो..
पर कभी तो वो बारिश वाली रात हो
जब तुम मेरे सबसे पास हो..
जिसमे ना कोई बात..
ना कोई अल्फ़ाज़ हो..
सिर्फ प्यार और जज़्बात हो..
जिसमें बूंदो से ढंके तुम्हारे उस चेहरे की
सबसे खूबसूरत आँखों से बात हो..
और भीगे हाथों से मुलाकात हो..
चल देना तुम.. उन हाथों में मेरा हाथ पकड़ कर
जो सिर्फ तुम्हारे प्यार का मोहताज़ हो..
हां,.. मैं हों अभी भी उस ख्वाहिश में..
कोई फिक्र नहीं, अगर देर होती है
उसे मुकम्मल हो जाने में..
मगर तुम आना ज़रूर..
कभी उस बारिश में...