दूरियाँ कायम रखती है
दूरियाँ कायम रखती है
कोई इतना क्यों अपना लगता है
हर पल उसी में दिल खोया रहता है !
फिर भी ना जाने क्यों,
रेत की तरह कभी वो फिसल तो नहीं जायेगा
ये उलझन सताती हैं...!
इतने पास होकर भी कुछ बातें
ना जाने दूरियाँ कायम रखती हैं !
कोई इतना क्यों अपना लगता है
हर पल उसी में दिल खोया रहता है !
फिर भी ना जाने क्यों,
रेत की तरह कभी वो फिसल तो नहीं जायेगा
ये उलझन सताती हैं...!
इतने पास होकर भी कुछ बातें
ना जाने दूरियाँ कायम रखती हैं !