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Asmita prashant Pushpanjali

Abstract

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Asmita prashant Pushpanjali

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कैसे टिके लोकतंत्र वहाँ

कैसे टिके लोकतंत्र वहाँ

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कैसे टिके लोकतंत्र वहाँ ?

जहाँ लोग नेतागिरी से ज्यादा,

चमचागिरी में खुश हो।


कैसे टिके लोकतंत्र वहाँ ?

जहाँ लोग जात पात धर्म की पट्टी बांध

अंध भक्त बने,

दोगलेपन को पूज रहे हो।


कैसे टिके लोकतंत्र वहाँ ?

जहाँ लोग सत्य स्थिति देख ना पाये,

देखे भी तो कह ना पाये,

कर्मकांड के अंधविश्वासी हो।


कैसे टिके लोकतंत्र वहाँ ?

जहाँ लोग शिक्षा ले ऊंची ऊंची।

पर अक्ल पे ताले लगे हो पुस्तैनी

जो इन्सान को जातिवादी बन बांटे हो।


कैसे टिके लोकतंत्र वहाँ ?

जहाँ, लोग शासक को हुक्मूनार बना,

भजन पूजन कर उसकी आरती गाये,

जो गुलामगिरी के लक्षण हो।


कैसे टिके लोकतंत्र वहाँ ?

जहाँ लोग, सत्ता लुटने वालों से,

क्या ये लोकतंत्र है ?

सवाल पूछ ना रहे हो।


कैसे टिके लोकतंत्र वहाँ ?


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