इतना भी न दे
इतना भी न दे
इतनी ऊँचाई न देना,
की धरती पराई लगने लगे !
इतनी ख़ुशियाँ भी न देना की,
दुःख पर किसी के हंसी आने लगे !
नहीं चाहिए ऐसी शक्ति जिसका,
निर्बल पर प्रयोग करूँ.!
नहीं चाहिए ऐसा भाव की,
किसी को देख जल-जल मरूँ.!
ऐसा ज्ञान मुझे न देना,
अभिमान जिसका होने लगे !
ऐसी चतुराई भी न देना जो,
लोगों को छलने लगे।।