ज़िन्दगी
ज़िन्दगी
महकतें आंगन में फुलवारी हो जैसे
ज़िन्दगी हर रोज़ महक जाये ऐसे
चमन मे खूबसूरत फुल खिलते हैं जैसे
ज़िन्दगी बागबान बन जाये ऐसे...
दूर कहीं क्षितिज से सूरज निकलता है हर रोज़
लालिमा छा जाती है अंधेरा हटाकर हर रोज़
सुनहरी किरणों से कुदरत खुश होती है जैसे
हर रोज़ नयाँ सवेरा ज़िन्दगी में आता हो जैसे...
खेत खलियान की आवाज़ गूँज रही हर तरफ
पंखियो की सुमधुर गुंजन हो हर तरफ
पेड़ो के शाख की थन गनाहट हो जैसे
माने ज़िन्दगी थन गनाती हो जैसे...
पहाड़ो से निकलती बहती नदी नितवन
कई रास्ते बनाकर बहती निरंतर
समेट जाना है समंदर की आगोश में जैसे
जब राहें हसीं मिल जाये हरतरफ,
ज़िन्दगी बेहतरीन बन जाये ऐसे...