X -गर्लफ्रेंड से बात ( भाग -2)
X -गर्लफ्रेंड से बात ( भाग -2)


निशा - मैंने हमेशा तुम्हें ही प्यार किया है और हमेशा मेरे दिल में तुम है रहो गए राहुल ( रोते हुए)।
राहुल - हाँ, मुझे पता है तुम जितना मुझे कोई और प्यार कर ही नहीं सकता निशा ( रोते हुए)।
निशा - तो फिर क्यों परेशान करते हो मुझे क्यू करते हो इतने सवाल जिनका मेरे पास कोई जवाब नहीं है।
राहुल - क्या करू यार, दिल के हाँथो मजबूर हूं ।
निशा - देखो राहुल तुम अपनी लाइफ में आगे बढ़ो अपने करियर पर ध्यान दो, भूल जाओ मुझे ।
राहुल - सारी कोशिशें कर कर के थक चुका हूं मै ।
तुम ही बता दो कैसे भूल जाऊ तुम्हे....?
निशा - देखो तुम जब तक मुझ से बात करोगे, और मेरे फोटो और मेरे नंबर अपने पास रखोगे तब तक मुझे नहीं भूल पाओगे।
राहुल - में इन सब को फोन में से तो डिलीट कर सकता हूं
पर दिल में से तुम्हे केसे डिलीट करू ?
निशा - वक़्त, हर पुरानी बातो को मिटा देता है।
राहुल - मेरे साथ ती ये वक़्त भी बड़ा जालिम है
दिन - ब- दिन तुम्हाँरी यादों को और बढ़ा रहाँ है।
निशा - किसी और से बात करो, उस से दिल लगाओ
मुझे पक्का विश्वास है कि तुम्हे मुझ से भी अच्छी केयर करने वाली लड़की मिलेगी ।
राहुल - मुझे नहीं चाहिए, मेरे लिए सिर्फ तुम है परफेक्ट हो कोई भी लड़की तुम्हाँरी जगह नहीं ले सकती ।
निशा - आई लव यू सो मच, मुझे तुम जैसा प्यार करने वाला कोई और नहीं मिलेगा।
राहुल - आई लव यू, बोल कर जख्म दे रही हो या मलहम लगा रही हो ?
निशा - अच्छा चलो छोड़ो सब बातो को और तुम सुनाओ किसी चल रही है तुम्हाँरी लाइफ ?
राहुल - बस चल ही रही है, तुम्हाँरे बिना सब कुछ फिका फीका सा है ।
निशा - अच्छा तुम्हे याद है वो दिन, जब तुम मुझ से मिलने आए थे और, में तुम्हाँरे लिए तुम्हाँरे पसंदीदा आलू के पराठे बना के लाई थी।
राहुल - हाँ, सब याद है मुझे ।
में कैसे भूल सकता हु वो बिना नमक के आलू पराठे ( हंसते हुए)
निशा - हाँ, तुम से मिलने की जल्दी में में नमक डालना भूल गई थी।
राहुल - और, वो याद है अपना फर्स्ट किस ( रोमांटिक आवाज में)
निशा - हाँ, और किस करते टाइम तुम केसे कांप रहे थे ।
राहुल - हाँ वो मेरा फर्स्
ट किस था, इस लिए
निशा - मुझे भी सब कुछ याद है,तुम्हाँरी दी हुई सारी गिफ्ट्स
और चॉकलेट्स डे पर ढेरों सारी चॉकलेट्स और चश्मा
कोरियर से भेजना।
राहुल - हाँ, वो दिन कितने अच्छे दिन थे तुम्हाँरे वो सब के के मुझे कितना मजा आता था ना पूछो ही मत।
निशा - हाँ, काश कि अपना साथ, रिश्तों की डोर में बंध पाता।
राहुल - अपना रिश्ता, दुनियादारी की डोर से नहीं सच्चे प्यार की डोर से बंधा है, जो हमेशा रहे गा
राहुल - मुझे आज भी वो दिन याद है, जब अपन एक दूसरे से बात करने पर लड़ते थे और घंटो तो एक दूसरे को मानने में ही वक़्त गुजार देते थे।
निशा - हाँ, और तुम्हाँरी गुड मार्निंग के मेसेज से मेरी सुबह
सुरु होती थी, और सैकड़ों बार गुड नाईट बोल देने पर भी बात करते रहना ।
राहुल - हाँ, क्यु की मन ही नही भरता था बातो से ।
मुझे तो आज भी वो दिन याद है, जब मै तुम्हाँरी किसी बात पर रूठ गया था, और तुमने मुझे चॉकलेट और लव लेटर भेजा था।
निशा - और मेरा दिया हुआ, वो कॉफी कप और वो चश्मा अभी भी है क्या तुम्हाँरे पास ?
राहुल - एक बस तुम ही नहीं हो बाकी सब कुछ संभाल के रखा हुआ है, आखिर बस अब ये ही है मेरे टूटे दिल का सहाँरा।
निशा - अच्छा, तुमने अभी तक वो संभाले है
राहुल - निशा, क्या अपन दिनों फिर से सब कुछ भूल कर दोस्त बन सकते है क्या..? ( उम्मीद भरी आवाज में)
निशा - नहीं, ऐसा सोचो भी मत ।
मेरी एंगेजमेंट हो चुकी है, और अगर अपन दिनों दोस्त रहे तो ये अपन दोनों लिए मुश्किल रहे गा आगे बढ़ना। ( मुश्किल से आवाज आते हुए)
राहुल - तो यानी आज के बाद तुम से कभी बात नहीं होगी।
निशा - नहीं, में ये नंबर अब बंद कर दूगी
राहुल - में सब से लड़ सकता हूं, बस तुम से नहीं
और जब तुम ही मेरे साथ नहीं हो तो किस से लडू
निशा - हो सके तो मुझे माफ़ कर देना, और अपना ध्यान रखना।
राहुल - तुम भी अपना,ध्यान रखना और कभी किसी तरहाँ की जरूरत पड़े तो, मेरे नंबर हमेशा यही रहेंगे तुम बता देना।
और हाँं, शादी मुबारक हो एडवांस में ( आंखे नम, गला बैठा हुआ)
निशा - गुड बाय बाबू..........
( और कॉल कट जाती है.......)