X-गर्लफ्रेंड से बात (भाग - १)
X-गर्लफ्रेंड से बात (भाग - १)


राहुल- ट्रिंग ट्रिंग ट्रिंग.....( घंटी बजती है)
निशा - हैलो कौन l...( वहीं प्यारी सी आवाज)
राहुल - भूत बोल रहा हूं,।
निशा - ओह, तो तुम बोल रहे हो।
राहुल - तो आखिर तुम्हें में अब भी याद हू ( ताना मारते हुए)
निशा - ज़िन्दगी के कुछ किस्से भुलाए नहीं भूले जाते ( तर्क देते हुए)
राहुल - किस्से नहीं भुलाए जाते पर, लोग अक्सर किस्से - दार को भूल जाते है.....( शिकायत की आवाज में)
निशा - हा, क्यू की कुछ हालात और मजबूरी है ऐसी होती है कि .....( सन्नाटा)
राहुल - कुछ लोग बेवफाई को बड़ी खूबसूरती के साथ मजबूरी का नाम दे देते है
निशा - तुम नहीं समझो गे मुझे, ना तुम कल मुझे समझा था और ना आज ....( रुआंसे गले से)
राहुल - में, में तुम्हे नहीं समझूंगा, ....ये बात तुम बोल रही हो।
निशा - हा, ये बात मेरे सिवा और कौन बोल सकता है,
राहुल - बहुत अच्छा इनाम मिला है, आज मुझे मेरे प्यार का( बैठे हुए गले से)
निशा - यार ..राहुल देखो अब तुम उन पुरानी बातो को फिर से में करो,क्यों की उन बातो का कोई मतलब नहीं है अब।
राहुल - कितनी आसानी से बोल दिया ना तुमने, काश इतना आसान किसी को भूलना भी होता
निशा - भूल जाओ, और आगे बढ़ो लाइफ में कितना टाइम बित चुका है हमें अलग हुए,
और तुम होके वहीं के वहीं हो।
राहुल - मेरे पास दिल था, और उस दिल ने सच्ची मोहबब्त की थी, टाइम पास नहीं जो आसानी से भूल जाऊ।
निशा - अच्छा क्या प्यार सिर्फ तुमने ही क्या था बस, मैने नहीं ?
राहुल - अगर किया होता तो आज तुम मेरे साथ होती। ( गुस्से से)
निशा - वाहा, अगर साथ होना ही प्यार का सबूत है तुम्हारे लिए तो माफ़ करना राहुल, में तुम्हें नहीं बता सकती
राहुल - अरे अब तो बंद करो ये नाटक, ( गंभीर हो कर)
निशा - मैने बोला ना कि तुम ना मुझे समझे हो ना कभी समझ पाओगे।
राहुल - हा ये सही बोला तुमने, मुझे नहीं आता ऐसा प्यार
और ना में समझ ना चाहता।
निशा - राहुल....
राहुल - हा, बोलो लो जो बाकी रहा है।
निशा - राहुल, मैने भी तुम से प्यार किया था और तुम से भी ज्यादा किया था।
राहुल - अच्छा तो फिर, वो प्यार कहा मर गया।
मेरे प्यार में कोई कमी रह गई थी क्या..?( तेज आवाज में)
निशा - ऐसा कुछ नहीं है राहुल, किसी के प्यार में कोई कमी नहीं थी, शायद किस्मत को कुछ और ही मंजूर था।
राहुल - किस्मत, अब किस्मत का सहारा मत लो
किस्मत खुद इंसान के हाथो में होती है, अगर तुम चाहती तो आज ये दिन नहीं आते।
निशा - राहुल, अगर मेरे बस में होता तो में कभी ऐसा नहीं करती।
ये सब मैंने अपने दोनों की भलाई के लिए किया।
राहुल - इसमें किस की भलाई है..?
निशा - राहुल ( और जोर जोर से सिसकने की आवाज आती है)
राहुल - अरे पागल, बाबू रो क्यू रही हो
प्लीज मत रोओ ...i,m so sorry babu (इधर भी सिसकने की आवाज शुरु)