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राजकुमार कांदु

Tragedy Classics Inspirational

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राजकुमार कांदु

Tragedy Classics Inspirational

वृद्धाश्रम

वृद्धाश्रम

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उस घर से आये दिन सास बहू के जोर जोर से झगड़ने की आवाजें आती थी। बहू अपनी माँ की सीख के मुताबिक सास को घर से बाहर निकलवाने पर आमादा थी।

अंततः सास बहू के रोज रोज के झगड़े से आजिज आ चुके बेटे ने बहू की जिद्द के आगे हथियार डालते हुए माँ को वृद्धाश्रम में रहने के लिए मना लिया। माताजी के वृद्धाश्रम चले जाने के बाद उत्साहित बहू यह खुशखबरी अपनी माताजी को देने मैके जा पहुंची। घर में प्रवेश करते ही अपनी नाक सिकोड़ते हुए उसकी भाभी ने उसका स्वागत किया। उसकी तरफ ध्यान न देते हुए बहू ने पुछा " भाभी ! माँ कहाँ है ? नहीं दिख रही हैं। " 

 भाभी का जवाब था " तुम्हारे भैया ने तुम्हें बताया नहीं ? वो तो पिछले सप्ताह से ही वृद्धाश्रम में रहती हैं। "


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