वो खोया हुआ
वो खोया हुआ
मैं पूरी तरह आश्वस्त था कि ये वो ही है। वही कद, वही लम्बे बाल, वही रंग। मेरी आँखें उत्सुकता वश उसी पर टिक गई और फिर अगले ही पल उसने मेरी शंका को सत्यापित करके समाप्त कर दिया।
मेरा खोया प्यार मेरी प्रेमिका ठीक दो कदम आगे मेरी ही कतार में खड़ी थी। हम कॉलेज से निकलने के बाद दोबारा कभी नहीं मिले। मेरे चेहरे पे एक मुस्कराहट दौड़ गयी और मैं बस उसे हाथ हिला कर उसे हेलो बोलने वाला था की अचानक मुझे एहसास हुआ की उसने तो मुझे पहचाना ही नहीं या शायद देख कर अनदेखा कर दिया।
ये मेरे लिए आश्चर्य का विषय था, "वो मुझे भूल कैसे सकती है ?" वो आगे बढ़ कर चली गयी। खैर मैंने अपना बोर्डिंग पास लिया और मेरी निगाहें फिर से उसे ढूंढने लगी मगर वो गायब हो गयी थी।