Devanshi Prajapati

Inspirational Others

4.3  

Devanshi Prajapati

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ट्रैफिक और ज़िन्दगी

ट्रैफिक और ज़िन्दगी

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 ट्रैफिक में मज़ा आता है? कभी कभी मुझे काफी अच्छा लगता है! क्योंकि काफ़ी लोगों की ज़िन्दगी के कुछ पल आपको देखने मिलते है, और कभी कभी आसपास का माहौल देखने में मज़ा आता। सुबह के ठीक 10:45 बजे थे और मैं थी पंचवटी क्रॉस रोड्स पर, हुआ था कुछ यूं की मेरे ट्रैफिक सिग्नल तक पहुंचने तक सिग्नल पर लाल बत्ती हो चुकी थी... ट्रैफिक में गाड़ियों की काफी लंबी कतार थी, और आसपास बाइक और एक्टिवा पर काफी लोग सफर पर थे, सिग्नल पर देखा तो 180 सेकंड्स ! काफी चिंता हो रही थी परीक्षा की, फिर सोचा अभी क़रीबन 2 मिनट है तो आगे पीछे नज़र घुमाई, आखिर देखे तो सही लोगों की ज़िन्दगी में क्या चल रहा है...उतने में ही मेरे पास में ही एक बाइक वाले भइया आये और वो बातें कर रहे थे, अब आमतौर पर मैं किसी की बातें नहीं सुनती पर ये जनाब इतने ज़ोर ज़ोर से बतिया रहे थे की मुझे काफी हंसी आ रही थी, ये भईया मोबाइल फ़ोन पर बात करते हुए बोले " अरेरे जो भी है बता दो न मुझे, मुझे पता है तुम्हारे दिमाग में कुछ चल रहा है, बता दो प्लीज़ । ये बात चल रही थी तब ही बाजू वाले ऑटो रिक्शा में एक बच्चा रोने लगा... उम्र में लगभग 4 साल का होगा... काफी ज़ोर ज़ोर से रो रहा था, मुझे लगा बच्चे है तो शायद भूख लगी होगी इसलिए रो रहा होगा, पर नहीं ये बच्चा तो मोबाइल फ़ोन के लिये रो रहा था, काफी डांट लगाने के बाद भी उसकी आई ने उसको मोबाइल फ़ोन दे ही दिया!  अब ये बच्चा अभी चुप हुआ ही था की मेरे पीछे खड़ी गाड़ी में से एक बच्चे की रोने की आवाज़ आने लगी, मैंने पीछे मुड़कर देखा तो एक आंटी जी और उनका बच्चा थे कार में! और कार के बहार एक खिलौने बेचने वाली औरत और उसके कमर पर उसका बच्चा था। यह देखने पर मुझे लगा की कार में बैठाे बच्चा खिलौने के लिए उसकी माँ से ज़िद्द कर रहा, तब ही मैंने सिग्नल की और देखा तो सिर्फ 20 सेकंडस् बाकी थे... मैंने फिर से पलटकर पीछे देखा तो कार वाली आंटी अपने बच्चे से प्रोमिस मांग रही थी " की अगर वो घर पे खाना खायेगा तो ही वो खिलौना खरीदेगी", बच्चे ने हां कहा और आंटी खिलौना खरीद लिया...अब सिग्नल पर हरी बत्ती आ गयी थी...मैंने अपनी एक्टिवा की स्पीड बढ़ाई कॉलेज जाने के लिए... पर अब मैं काफ़ी कुछ सोच रही थी... एक माँ इसलिए खिलौना खरीद रही थी ताकि उसका बच्चा घर पे खाना खा ले, और एक माँ इसलिए खिलौने बेच रही थी ताकि वो उसके बच्चे के लिए खाने का इंतजाम कर सके। -


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