,,सत्य अटल है,,
,,सत्य अटल है,,
कहानी अंधेरे उजालों की थी एक की तमन्ना निकलने की तो दूजे की ख्वाहीश डूब जाने की थी एक को मिला सहारा ज़माने का तो दुजे को तारों और जुगनुओं की बारत मिली,एक ने अपनी ज़रूरत को जताया तो दूजे ने अपनी ज़रूरत को घर घर जा रातों का साया बन फैलाया एक दूजे के सामने खड़े थे दोनों ही डट कर लगता था मुकाबला ये कभी खत्म होने वाला ना था और उनका ये मिलन भी सम्भवत: होने वाला ना था,वे दोनों ही खुदको बलशाली और शक्तिशाली समझ गुरूर से तने थे ना तो पहला ही झुकने को तैयार था और ना ही दूजा कैसे इन्हें कोई समझा पाता की मसला तो बस दोनों की महज़ ज़रूरतों का था कोई रास्ता सूझाये किसी को सूझता ना था तब एक जुगनू ने एक युक्ति लगाई विनती की अवस्था में दोनों के सामने वे जा खड़ा हुआ और कहने लगा हे महावरों अगर आप मेरा एक काम करो तो जानूँ की आप दोनों इस धरती पर सबसे ज़्यादा बलशाली और शक्तिशाली हो के अगर मैं मर जाऊं तो आप मुझे फिर से जीवित कर दें तो मैं मानूं के आपके जैसा इस धरती पर और कोई नहीं क्योंकि आप दोनों भी तो रोज़ ही मरते हो और रोज़ ज़िंदा होते हो जो की आपके वश में नहीं बस इतनी बात सुन उन दोनों का गुरुर एक पल में टूट गया और तब जाकर उन दोनों को ये बात समझ में आई की कोई किसी से ना तो बलशाली हो सकता और ना ही कोई किसी ज़्यादा शक्तिशाली बस बात है तो महज़ ज़रूरतों की इस धरती पर सिर्फ वही बलशाली और शक्तिशाली है जो दिखाई नहीं देता मगर उसके जीवन मरण के चक्रव्यूह का पही या निरंतर चलता आ रहा जो की इस ब्रह्मांड का ही अटल सत्य है ।
