हम भी अमीर हैं
हम भी अमीर हैं
हम लोगों में से ज़्यादातर लोगों ने इस गरीबी की ज़िंदगी को अपनी तक़दीर मान उसे अपना लिया है और उम्र भर मेहनत कर ज़िंदगी को बिना शर्तों के गुज़ारा है, क्योंकि शर्तें रखना हमारी ज़िंदगी में नहीं हमें तो खुद को इन शर्तों पर चल ज़िंदगी को हर मोड़ पर समझौतों की ताक पर गुज़ार बस आगे बढ़ते चलना है क्योंकि ये हमारी हल्की जेब हमारा शर्तों को मज़बूती नहीं देती और जिन लोगों की जेब में उनकी उम्र से ज़्यादा रुपये होते हैं उनकी ज़िंदगी शर्तों के मुताबिक चलती है मगर हमारा क्या हम तो अगर एक रोटी की ज़रूरत हो तो आधी में ही सब्र कर उसे खा कर सो जाया करते हैं और अगले दिन उस आधी को करने की जद्दोजहद में लग जाया करते हैं और इसी उधेड़ बुन में अपने बिस्तर पर पलकें छपकाते हुए आखिरकार गहरी नींद में थके मांदे बेहोश हो सो जाया करते हैं मगर उधर अमीरों की नींद तो उनकी ऊँची ऊँची ख्वाहिशों की उड़ान भर जाने कहीं कोसों दूर जाकर जैसे खो गई है और करवट बदल पुरी रात आँखों आँखों में ही गुज़र गई है ये जान तब हमें ये महसूस होता है की हम गरीब भले ही पैसे से हो सकते हैं मगर हमारे पास कम से कम ये सुकून भरे पल और चैन की ये मीठी सी नींद की कीमती धरोहर तो है जो सिर्फ हमारे ही पास ही हो सकती है जिसे हमसे कोई चाहकर भी छीन सकता और इस बात की हमको बहुत ज़्यादा खुशी है की हम भी अमीर हैं ।
