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Kavita Sagar

Tragedy

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सपनो की दुनिया

सपनो की दुनिया

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सपनों की दुनिया बड़ी हसीन होती है न कोई रोकने वाला न कोई टोकने वाला मन की मर्जीचाहे जहां घूमो चााहे जो करो किसी से प्रेम करो किसी की पिटाई लगा दो किसी से पिटाई खा लो कुछ भी करो कोई पाबंदी नहीं।

पर कभी कभी स्वप्न सच हो जाते हैं ऐसा मेरे साथ हुआ मैंने स्वप्न देखा कि मेरे पापा का एक्सिडेंट हो गया और वो मर गये लेकिन जब श्मशान गये और

मां का कुमकुम पोंछ ही रहे थे कि किसी ने हाथ रोक दिया और बोले पागल हो गये क्या वो देखो तुम्हारे पापा श्मशान से वापिस आ रहे हैं, इतने में मेरी नींद

खुल गई सुबह का वक्त था मैं मम्मी को स्वप्न के बारे में बता रही थी कि शायद नाना की तबियत खराब हो पापा आ जाए तो जाकर मील आना।

तभी दरवाज़े की घंटी बजी मैंने भाई से कहा जा एक कप पानी बढ़ा दे लगता है पापा आ गये, पर ये क्या जैसे ही दरवाज़ा खोला सामने पुलिस थी बोले चलो

हॉस्पिटल चलना है तुम्हारे पापा का एक्सिडेंट हो गया है हम सब चौक गए ये कैसा स्वप्न था जो सच हो रहा था ईश्वर की कृपा से मेरे पापा ठीक है।

इसलिए कभी कभी स्वप्नों की सच्चाई पर भरोसा रखना चाहिए।



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