समस्या का समाधान
समस्या का समाधान


भाग-१
परिचय
आज हम जो भी परिकल्पना करते है, क्या वास्तविक रूप से आगे आने वाले समय में हम प्राप्त करते है या नहीं ?
वैसे तो अगर हम अपनी बात करें तो मेरे सपने बहुत बड़े है लेकिन शायद मुझे नहीं पता कि मेरे सपने पूरे होंगे या नहीं यही तो हमारी सोच ग़लत है। क्यों नहीं होंगे अरे यार ज़रूर होंगे - अगर ज़रूर होंगे तो क्या करें घर में सोयें या कॉलेज में पढ़ाई करें।
चलो यह तो बातें बाद में करेंगे लेकिन आज हम सर्वप्रथम यह सोचते कि हम कहाँ पर है, कैसे है, क्या है, कब कार्य करे और मेरा वास्तविक परिचय क्या है।
जहाँ पर विकास आता है, जिसके यहाँ विनाश का माहौल है, उसे विकास अच्छा नहीं लगता उसे अच्छा लगता है मज़हब, आतंक वैसे तो हमारा मज़हब यह नहीं सिखाता आपस में बैर रखना लेकिन आज के इस दृश्य में लोग मज़हब का ज़हर भरकर आपस में एक-दूसरे का गला घोंट रहे है।
तो हम क्या करें, चलो यार आज हम जैसे है ठीक है आराम से खा-पी रहे है जब आपदा आयेगी तब देख लेंगे। बस यही शब्दों भरा जीवन जो सोचते है, वो आज अपने ही रहकर रह जाते है, और एक समय बाद चले जाते है।
मालूम है हम लोगों में और सफल लोगों में क्या अंतर है - हम लोग मर के जाते है, और वो लोग दुनिया से विदा ले के जाते है।
बस सबसे बड़ा अंतर यही है। क्या आपने कभी किसी सफल पुरुष की जीवनी पढ़ी है, शायद कुछ ने पढ़ी होगी और कुछ ने नहीं और विफल पुरुष की जीवनी तो पढ़ी क्या सुनी ही नहीं होगी। दुनिया में रोज़ लोग जन्म लेते है और रोज़ मरते है। मगर अख़बारों में, किताबों में, बहुत कम लोगों के नाम आते होंगे जो दुनिया के लिये कुछ छोड़ के चले जाएँ।
जानते हो जहाँ विकास आता है वहाँ जातिवाद ख़त्म होने लगता है- इस पर २ मिनट ज़रूर चर्चा करें क्या यह कथन सत्य है या ग़लत यह आपको सोचना है, मैं तो बस लिख दे रहा हूँ।
तो ज़रा आप यह सोचो अगर जातिवाद ख़त्म करे तो क्या होगा ? विचार ज़रूर करना मेरे दोस्त:-
साम्प्रदायिक हिंसा कम होंगे।आपस में एकता बढ़ेगी। प्रेम, सद्भाव होगा।
मगर सवाल उठता है कि यह ख़त्म कैसे करा जाए अगर क़ानून पारित करें लोग हा-हाकार करेंगे सरकार को गिरा देंगे मेरे हिसाब से यह सरकार की दम की बात नहीं है क्योंकि कुछ नेता जातिवाद की वजह से अपनी रोटी सेक रहे है। तो किसकी है-आप की और हमारी- तो हम क्या करें बस कुछ नहीं मानसिक स्थिति बदलें।
हम लोग तो भारत पुत्र है और हमारा फ़र्ज़ है कि हम अपनी भारत माता की रक्षा करें।
अरे यार, हम अपना कार्य कर तो रहे है आराम से बच्चों का पालन पोषण कर रहे है यही हमारी ज़िंदगी है।हम इसी तरह से भारत माता की रक्षा और अपना योगदान दे रहें है।
चलो आज हम कुछ ऐसा सोचते की हम सफल इंसान कैसे बने बस यही हमारी ज़िंदगी है। अच्छा जीवन के लिये अच्छी विद्या बहुत ज़रूरी है मेरा मानना है की स्त्री की विद्या बहुत ज़रूरी है पुरुष से ज़्यादा क्यों यह आप सोचो ना ?
और हाँ मैं एक बात ज़रूर कहूँगा-
भारत में क़ानून का राज है लेकिन क़ानून की शक्ति नहीं और यह शक्ति ही आज ग़लत काम करवा रही है ।
चलो आज हम बात करते है अपने जीवन की भाइयों जीवन में अगर सफल होना चाहते हो तो बस एक काम करो।
एक लक्ष्य चुनो, जिसके उद्देश्य कई हो एक खाका तैयार करो- बस लक्ष्य की तरफ़ भागो।
यही सफलता का सूत्र है। लेकिन हमें तो कष्ट तब होता है जब लोगों का बुढ़ापा निकल जाता है वो एक लक्ष्य नहीं ढूँढ पाते बस किसी तरह जीवन यापन कर रहे। जिस व्यक्ति का आंतरिक विकास हो जाता है, वो देश आगे आने वाले समय में विश्व में मुक़ाम पा लेता है।
भारत में ग़रीबी तभी मिट सकती है अगर प्रत्येक बेरोज़गार, और किसान आपस में मिलकर एक तकनीकी युक्त कृषि- खेती करे।क्योंकि हम कृषि प्रधान है।
मालूम है तुम को कि हर व्यक्ति मेहनत करना ही नहीं चाहता।
अच्छा मेहनत शब्द भी बड़ा कमाल का शब्द है - कहने में अच्छा करने में तगड़ा।
हमको पहले यह जानने की ज़रूरत है कि हम क्या है, क्या आपने सोचा यह ?
अब हमको विश्वास हो गया होगा कि आप ने इसको पढ़ने के बाद अपना लक्ष्य ढूँढ लिया होगा।