N.ksahu0007 @writer

Children

4.0  

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समर डेज

समर डेज

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Summar camp

सुजाता (sujata miss)


हर रोज की तरह miss online class ले रही थी। तभी miss ने एक जरूरी announcement किया कहां―? कोरेाना महामारी की वजह से इस साल समर कैंप नहीं होगा। यह सुनकर बच्चों का मुँह लटक गया। class पूरी हुई miss ने बच्चों को by.कहाँ और offline हो गई।

"चिन्ना "―नाराज़ होकर अपने पलंग में जाकर बैठ जाता है,किसी से कुछ बात नहीं ,ना ही कुछ खा रहा ,ना ही मस्ती-मज़ाक़, हसगुल सा लड़का आज पूरा दिन उदास रहता है।

मम्मी "जीवनी "― किचन से निकलकर अपने लाल के कमरे में जाती है, और कहती है..! चिन्ना चल खाना बन गया खा ले .

"चिन्ना " ― कुछ उत्तर नहीं देता ।

"जीवनी "―अरे हमारे बेटू जान को आज क्या हुआ, क्यों इतना नाराज है,miss ने डॉट लगाई है क्या, कोई मस्ती नहीं एकदम से शांत है। चला जल्दी बिस्तर छोड़ तेरे लिए अभी खीर पूड़ी बनाती हूँ।

"चिन्ना " ― फिर भी कोई उत्तर नही देता।

पूरे दिन लगी रही उसे मनाने में ,लल्ला बेटा बता तो क्या बात हुई है नाराज क्यों है। किसी ने कुछ कहां miss ने डॉट लगाई है क्या कुछ तो बोल..!

जब कुछ बोलेगा नहीं तो हमें कैसे पता चलेगा क्या हुआ है, क्यों नाराज है..! मुँह क्यों फुला कर बैठा है।

"राकेश " ― चिन्ना के पिता

"जीवनी―राकेश को फोन करती है सारी बात अपने पति को बताती है कहती है आज ऑफिस से जल्दी आ जाना "चिन्ना" आज बहुत उदास है, नाराज है, मुँह फुलाकर अपने बिस्तर में पड़ा है ना खेल रहा ना ही बात कर रहा तुम जल्दी आ जाओ वो आपकी बात ही सुनेगा मुझसे तो बात भी नही कर रहा। "राकेश " ― "जीवनी " से अच्छा आज तो वैसे भी शनिवार हॉफ डे हैं तो आज जल्दी ही आऊँगा पर मेरे आने तक तुम उसे maggi या chocos बना कर खिला दो ज़रा चिंन्ना को फोन देना मैं बात करता हूं और चिन्ना अपने पिता से बात करता है।

"जीवनी " ― ख़ुश हो जाती और अपने पति से कहती है.?

मुझे पता था ,वो आपकी बात सुनेगा चलो अब फोन रखती हूं तुम जल्दी आ जाओ फिर हम मूवी देखेगे ।

"राकेश " ― चल बाय..! ठीक है..!

अब राकेश परेशान हो जाता है और सोचने लगता है तभी उनके ऑफिस का कलिग़ कहता है यार क्या हुआ तुम परेशान लग रहे हो क्या हुआ..

"राकेश "―अरे नहीं यार ऐसी कोई बात नहीं बस मेरा बेटा चिन्ना पता नहीं किस वजह से मुँह फुला लिया है, और उदास होकर अपने कमरे में बैठा है। पता नहीं आज class में क्या हुआ उसके बाद से ही उसका मुड़ off हो गया है।

कलिग़ - गजेंद्र ― अरे यार तूने कहां तो याद आया आज तो मेरा बेटा भी उदास है, मुझे मेरी पत्नी का फोन आया उसने मुझे जल्दी बुलाया है, और मैं उसी लिए तेरा पास आया था। पर रहने दे आज तो वैसे भी जल्दी ही जाना है ।अरे यार तूने कहां तो याद आया आज तो मेरा बेटा भी उदास है, मुझे मेरी पत्नी का फोन आया उसने मुझे जल्दी बुलाया है, और मैं उसी लिए तेरा पास आया था।पर रहने दे आज तो वैसे भी जल्दी ही जाना है ।

" राकेश "― हाँ यार सेम-टू-सेम यही कहानी हमारे घर में है..? हाँ यार सेम-टू-सेम यही कहानी हमारे घर मे है..?

तभी उनकी बात अज्ञान ,वीसा,शालिनी,राजीव सुन लेते है और कहते है सेम-टू-सेम यही कथा-कहानी कॉपी टू पेस्ट अपने यहां आज हुई है।

सब सोच में पड़ जाते है ऐसा हुआ क्या class में ..?

"राकेश "― इस बात को नजरंदाज नहीं करता वो सीधे चिन्ना के miss को कॉल कर के पूछता है ?


Hello..

sujata miss

मैं चिन्ना का पिता "राकेश " बोल रहा हूँ ..!

आज class में क्या हुआ आज सारे बच्चे इतने उदास क्यों हैं आप ने उनसे ऐसा क्या कहां जो बच्चे मुँह फुलाकर बैठे है।

sujata miss - ने सारी बात बताई कहां ऐसा तो कुछ हुआ नहीं पर class खत्म होने से पहले एक announcement किया था, शायद उसी की वजह से बच्चे उदास हो.?

"राकेश "― sujata miss से कहते हैं..?

Miss अगर बच्चें इस बात से उदास हो गए हैं तो क्या हम समर कैम्प कर ही लेते है। आप की क्या रॉय हैं इस विषय पर.....

Miss.― राकेश से .... वो सब तो ठीक है ..!सर. पर कोरोना चल रहा है, तो ये संभव नहीं गाइडलाइन जारी हो गई है पर सभी शिक्षक और अभिभावक मिलकर घर में समर कैंप का आयोजन कर सकते हैं......??

Online. Whatsapp group बनाकर आपका क्या ख़्याल है। अगर आप सहमत हो तो कुछ सोचते है इस बारे में..

"राकेश " ― ok miss करते है कुछ बच्चे वैसे भी कही खेलने भी आ- जा नहीं सकते ना उन्हें कहीं बाहर घुमाने ले जा सकते तो समर कैम्प करते है। मैं तैयार हूं अपने ऑफिस के और कलिग़ से इस विषय पर चर्चा करता हूं।

अब एक announcement " राकेश " ― अपने सभी कलिग़ मित्रों के साथ करता है।

सब सहमति दे देते है और अपने-अपने घर चले आते है।

"राकेश "― घर आकर अपने बेटे से पूछता है क्या हुआ क्या बात है ।

"चिन्ना "― पापा वो समर कैम्प इस साल नहीं होगा .

"राकेश " ― अच्छा पर क्यों.! नहीं होगा समर कैम्प ?.

" चिंन्ना "― महामारी की वजह से Miss ने तो यही कहां .

" राकेश "― अच्छा तो क्या समर कैम्प होना चाहिए ।

"चिंन्ना " ―हाँ होना चाहिए पापा वैसे भी खेलने तो जा नहीं सकता तो समर कैम्प तो होना ही चाहिए।

"राकेश "―अपने बेटे "चिंन्ना "से-

हमको इस बात का पता चल गया था हमने इस बार समर कैम्प का आयोजन घर पर ही किया है। सब आपके दोस्त ,miss अपने अपने घर से इस बार समर कैम्प का हिस्सा लेंगे बहुत मजा आएगा। और कुछ नए दोस्त भी इस कैम्प पर आएंगे आप के नए दोस्त बनेंगे।

"चिंन्ना"― बहुत ख़ुशी से कूदकर पापा के ऊपर छलांग लगा देता है..। ये हुर्रे मजा आएगा..! पापा हो तो ऐसा .?

मेरे सुपर हीरो मेरे पापा i love u

"जीवनी―अच्छा पापा सुपर हीरो और मम्मा ..

"चिंन्ना"― मम्मी भी सुपर हीरोइन अब ठीक है ..!

मम्मा-"जीवनी"―अपने बेटे से........

चल अब खाना खा ले तेरे पापा के लिए निकाल रही हूँ।

(sujata miss और अन्य टीचर के साथ मिलकर सभी अभिभावकों ने ऑनलाइन समर कैम्प का आयोजन किया रंग, पेंट, गेम, dance music singing,तरह-तरह के खेल

और अनेक प्रकार की रोचक गतिविधियों बनाई।ऑफिस स्टाफ़ के सभी कलिग़ अपने बच्चों के साथ ऑनलाइन जुड़े सब पैरेंट्स अपने बच्चों के साथ खूब मस्ती किया खेला - कमरे की दीवारों पर बच्चों ने कलर किये. तरह-तरह से खेल हुआ सब मे कुछ न कुछ सीखने को मिला शिक्षा से भरा कविता कहानी प्रतियोगिता चित्र के आधारित कहानी, और भी बहुत कुछ हुआ। फिर पुरस्कार दिए गए जो ऑनलाइन शॉपिंग कर ऑनलाइन डिलीवर हुआ ये पुरस्कार कुछ दिनों में मिला सभी बच्चों में एक नई ऊर्जा आ गई सब बहुत ही ज्यादा खुश थे। क्योंकि ये समर कैम्प हुआ नहीं बल्कि उससे भी बहुत उम्दा अच्छा और ज्यादा अच्छा हुआ ।

ऑनलाइन समर कैम्प सभी शिक्षकों और अभिभावकों से होते हुए सारे स्कूलों में और बच्चों के बीच पहुँचा वीडियो वायरल भी हुआ और अन्य स्कूल के शिक्षकों और अभिभावकों ने भी इस तरह ऑनलाइन समर कैम्प का आयोजन किया ।



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