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Gagan Ahuja

Inspirational

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Gagan Ahuja

Inspirational

समाधान खोजने की दृष्टि

समाधान खोजने की दृष्टि

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एक व्यापारी ने साहूकार से उधार में रुपए लिए किंतु निर्धारित समय पर लौटा नहीं पाया। साहूकार बूढ़ा और बदसूरत था, लेकिन उस व्यापारी की खूबसूरत, जवान बेटी पर निगाह रखता था। साहूकार ने व्यापारी से कहा कि, "अगर वो अपनी बेटी का विवाह उससे कर दे तो वह उधार की रकम ब्याज सहित भूल जाएगा।" व्यापारी और उसकी बेटी, साहूकार के इस सौदे से परेशान हो उठे।


साहूकार, व्यापारी से बोला, "मैं एक खाली थैली में एक सफ़ेद और एक काला कंकड़ रखता हूँ। तुम्हारी बेटी बिना देखे थैली से एक कंकड़ बाहर निकालेगी। अगर उसने काला कंकड़ निकाला तो उसे मुझसे विवाह करना होगा और तुम्हारा सारा कर्ज माफ़ कर दिया जाएगा। अगर उसने सफ़ेद कंकड़ निकाला तो, उसे मुझसे शादी नहीं करनी पड़ेगी और तुम्हारा कर्ज भी माफ़ कर दिया जाएगा। लेकिन अगर तुम्हारी बेटी थैली से कंकड़ निकालने से इनकार करेगी तो मैं तुम्हें जेल भिजवा दूँगा। "


इस समय साहूकार, व्यापारी और उसकी बेटी, व्यापारी के बगीचे के उस रास्ते पर खड़े थे जिसपर सफ़ेद और काली मिक्स बजरी बिछी हुई थी। फिर सौदे के अनुसार साहूकार ने झुककर उस बिछी हुई बजरी में से दो कंकड़ उठाए और अपने हाथ में पकड़ी हुई खाली थैली में उन्हें डाल दिया।

साहूकार जब कंकड़ उठा रहा था तब, बेटी ने अपनी तीखी नजरों से ये देख लिया कि, बेईमान साहूकार ने बजरी में से दोनों कंकड़ काले रंग के ही उठाए और थैली में डाले हैं। फिर साहूकार ने लड़की से कहा कि, "वो थैली में से एक कंकड़ निकाले।"


तो, अगर आप उस लड़की की जगह होते तो, आप क्या करते ??? या अगर आप से कहा जाता कि, आप उस लड़की को सही सलाह दीजिए तो आप क्या सलाह देते ?? ध्यान से देखा जाए तो तीन संभावनाएँ हैं ,

लड़की कंकड़ निकालने से इनकार कर देगी। लड़की बोल देगी कि, साहूकार ने बेईमानी की है और दोनों काले कंकड़ ही थैली में डाले हैं। लड़की एक काला कंकड़ निकाल कर अपनी जिंदगी से समझौता कर लेगी और अपने पिता को कर्ज और जेल से बचाएगी। इस कहानी में अच्छा-बुरा, दिल-दिमाग, होनी-अनहोनी की अजीबोगरीब जंग है।


फाइनली, लड़की ने थैली में अपना हाथ डाला और एक कंकड़ निकाला। फिर बिना देखे उसे नीचे पड़ी हुई बजरी में फेंक दिया। थैली से निकला कंकड़ काली सफ़ेद बजरी में मिलकर खो गया, यानी पहचानना असंभव कि, लड़की ने कौन सा कंकड़ फेंका। फिर लड़की बोली : " ओह, सॉरी! मैं भी कितनी बेवकूफ़ हूँ , बिना देखे ही कंकड़ फेंक दिया। चलो कोई बात नहीं, अभी एक कंकड़ तो थैली में है ना। उसे देखकर आप बता सकते हैं कि, मैंने किस रंग का कंकड़ थैली से निकाला था। अगर उसमे काला कंकड़ शेष है तो इसका मतलब मैंने सफ़ेद कंकड़ थैली में से निकाला था।" साहूकार अपनी चीटिंग के कारण जानता था कि, थैली में तो काला कंकड़ ही है, लेकिन अपनी बेईमानी वो कबूल कर नहीं सकता था। इस हिसाब से लड़की ने सफ़ेद कंकड़ ही थैली से निकाला, यह स्पष्ट था। साहूकार निराश हो गया और उसका चेहरा लटक गया। लड़की ने अपनी बुद्धिमानी से एक असम्भव सी विपरीत परिस्थिति को अपने हक़ में बदल डाला।

समस्याओं का समाधान संभव है, बस आवश्यकता है, उनके बारे में अलग नज़रिए से, अलग दृष्टि से, अलग प्रकार से, सोचने की।


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